देश में बड़ी और जानी-मानी हस्तियों केयर जमीन से जुड़े कई साधारण लोगों को भी पदम पुरस्कार मिले हैं और इस हाल पदम पुरस्कार पाने वालों की सूची में जहां एक और अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, जार्ज फर्नांडीस, कंगना रनौत, आनंद महिंद्रा जैसी नामी हस्तियां रही है तो वहीं दूसरी ओर संतरा बेचने वाले हरेकला हजब्बा, साइकिल बनाने वाले मोहम्मद शरीफ, अब्दुल जब्बार खान, लीला जोशो, तुलसी गौड़ा, राहीबाई सोमा पोपेरे जैसे असाधारण काम करने वाले आम लोग भी शामिल रहे!
वहीं ऐसे में महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा भी इस साल पदम पुरस्कार पाने वालों की सूची में शामिल रहे हैं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को उनको पदम भूषण से सम्मानित किया है वहीं इस महत्वपूर्ण और गौरवशाली सम्मान को पाने के बाद भी आनंद महिंद्रा खुद को इसके लिए योग्य नहीं मान रहे हैं उन्होंने यह बात एक ट्वीट के माध्यम से कहे हैं और इसी ट्वीट में यही बताया है कि वह ऐसा क्यों मानते हैं!
आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर कहा है कि इस सरकार ने पदम सरकार प्राप्त कर्ताओं की प्रकृति को लेकर लंबे समय से लंबित परिवर्तनकारी बदलाव किया है अब जमीनी स्तर पर समाज के सुधार में मूली योगदान देने वाले व्यक्तियों पर मुख्य रुप से ध्यान केंद्रित किया जाता है मैं वास्तव में उनकी श्रेणी में शामिल होने के लिए योग्य महसूस नहीं कर रहा था!
वही अपने ट्वीट में महिंद्रा ग्रुप के मालिक आनंद महिंद्रा ने तुलसी घोड़ा को पदम पुरस्कार मिलने की तस्वीर भी शेयर की है राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कर्नाटक पर्यावरणविद तुलसी घोड़ा को सामाजिक कार्य के लिए प्रदान किया है उन्होंने 30,000 अधिक पौधे और पिछले 3 दशकों से पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों में शामिल है!
This Govt has made a long-overdue, transformational shift in the texture of the Padma Awards recipients. Now, the focus is largely on individuals making seminal contributions to the improvement of society at grassroots levels. I truly felt undeserving to be amongst their ranks. https://t.co/jor34tqx1w
— anand mahindra (@anandmahindra) November 9, 2021