देश के विभिन्न आईएएस अधिकारी अपने खास कामों के लिए जाने जाते हैं। आईएएस स्मिता सभरवाल अब किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। उनके नाम कई ऐसे रिकॉर्ड दर्ज हैं, जिन्हें तोड़ पाना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा. सक्सेस स्टोरी सीरीज में आज जानिए आईएएस स्मिता सभरवाल की प्रेरक कहानी।
आईएएस स्मिता सभरवाल तेलंगाना में तैनात हैं। उन्हें ‘जनता का अधिकारी’ कहा जाता है। उनके काम करने का अंदाज काफी अलग है। उनके संघर्ष और ईमानदारी ने उन्हें जनता के बीच काफी लोकप्रिय बना दिया है। उनके दबंग अंदाज को देखकर लोग उनकी काफी इज्जत करते हैं.
स्मिता सभरवाल का जन्म 19 जून 1977 को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में हुआ था। उनके पिता सेवानिवृत्त सेना अधिकारी कर्नल प्रणब दास हैं। उनकी माता का नाम पूरबी दास है। पिता की आर्मी जॉब की वजह से स्मिता अलग-अलग शहरों में पली-बढ़ी हैं। सेवानिवृत्ति के बाद, वह हैदराबाद में बस गए। स्मिता ने वहीं पढ़ाई की। वह 12वीं में आईएससी टॉपर थी। फिर उन्होंने कॉमर्स स्ट्रीम से ग्रेजुएशन किया।
स्मिता सभरवाल अपने पहले प्रयास में प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दोगुनी मेहनत से तैयारी की। वर्ष 2000 में अपने दूसरे प्रयास में, वह यूपीएससी परीक्षा पास करने वाली सबसे कम उम्र की छात्रा बनीं। इसमें उन्होंने अखिल भारतीय स्तर पर चौथा स्थान हासिल किया।
स्मिता ने तेलंगाना कैडर से आईएएस की ट्रेनिंग ली थी। नियुक्ति के बाद, वह चित्तूर में उप-कलेक्टर बनी रहीं। वह कडप्पा ग्रामीण विकास एजेंसी की परियोजना निदेशक, वारंगल की नगर आयुक्त और कुरनूल की संयुक्त कलेक्टर रही हैं। उन्हें तेलंगाना के वारंगल, विशाखापत्तनम, करीमनगर और चित्तूर में तैनात किया गया है। उन्हें हर जगह बहुत सम्मान मिला।
आईएएस स्मिता तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात होने वाली पहली महिला आईएएस अधिकारी हैं। स्मिता की शादी आईपीएस ऑफिसर डॉ. अकुन सभरवाल से हुई है। उनके दो बच्चे नानक सभरवाल और भुविश हैं। स्मिता सभरवाल सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रहती हैं। उनके काम करने का अंदाज और गरीबों की मदद करने का जज्बा काबिले तारीफ है।