पश्चिम बंगाल में विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं और टीएमसी की पार्टी बहुमत के साथ वापस आ चुकी है और यह भी काफी अच्छे से जानते हैं कि ममता बनर्जी चाहे प्रदेश की मुख्यमंत्री बन चुकी हो लेकिन फिर भी अभी भी उनका राजनीतिक भविष्य पूरी तरीके से स्थिर नहीं है कहीं ना कहीं जिस तरीके से चीजें बदली हैं वह इस बात का अनुभव करवा देती है कि अभी भी बीजेपी बंगाल में काफी पॉजिटिव पोजीशन में है! और इसके पीछे का कारण यह भी है कि ममता बनर्जी की वह हार जोकि अब वह हार उन का सिरदर्द बन चुका है!
मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने के लिए जीतना जरूरी है
आपको यह तो मालूम ही होगा कि ममता बनर्जी इस बार के विधानसभा चुनाव में बुरी तरीके से हार चुकी है इस कारण से वह चाहे बंगाल की मुख्यमंत्री हो लेकिन उनके पास में थोड़ा ही समय बचा हुआ है यदि वह एक बार उस चुनाव को नहीं जी पाते हैं तो हो सकता है कि उनको मुख्यमंत्री के पद को त्याग कर अपने किसी दूसरे आदमी को मुख्यमंत्री बनाना पड़ जाए बीजेपी भी इसे बड़े मौके के तौर पर देख रहे हैं!
बीजेपी के पास बड़ा मौका?
अगर वही फिलहाल की बात की जाए तो बीजेपी इसे शानदार मौके के तौर पर देख रहे हैं और उसके अनुसार वह ममता बनर्जी को फिर से उपचुनाव में हराने के लिए अपनी पूरी जी जान लगा देगी इसके लिए एक नाम आता है जो कि सबसे अधिक चर्चा में है वह है तथागत रॉय! यह एक वह नाम है जो कि बंगाल के चुनाव में ममता बनर्जी को हराने के लिए बड़े नाम के तौर पर देखा जा रहा है!
ऐसे में तथागत रॉय मेघालय के राज्यपाल भी रह चुके हैं और उनका प्रभाव आपको बंगाल में हर स्थान पर देखने को मिल जाता है ऐसे में भवानीपुर में बहुत अधिक संभावना है कि बीजेपी उनके इसी प्रभाव को ममता बनर्जी के सामने इस्तेमाल करेगी और इससे कहीं ना कहीं ममता बनर्जी चुनाव हार सकती हैं!