भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार 30 मई को अपने लगातार दूसरे कार्यकाल के दूसरा वर्ष पूरा करने जा रही है।
इस बीच पूरे देश की नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट की उन रिक्तियों पर फिर से चला गया है जिसे जल्द से जल्द भरे जाने की संभावना है।
इसकी संभावना इसलिए भी प्रबल हो गई है कि हाल के दिनों में कई राज्यों में बीजेपी के कुछ कद्दावर नेताओं ने पद छोड़े हैं। कई को राज्यसभा के जरिए दिल्ली बुलाया गया है।
कुछ अभी भी इंतजार में हैं। कैबिनेट के अलावा लगभग दो साल खाली पड़े लोकसभा के उपाध्यक्ष के पद को भी भरे जाने की संभावना है।
आपको बता दें कि 25 मई, 2019 एम थंबीदुरई ने पद छोड़ दिया था।
पार्टी और सरकारी हलकों में इससे वाकिफ लोगों का कहना है कि इस बात के कोई संकेत नहीं है कि बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार या फेरबदल कब होगा।
हालांकि इस बात की काफी अटकलें थीं कि महामारी की पहली लहर के बाद कैबिनेट में फेरबदल हो सकता है।
चार मंत्रियों के पास मंत्रालयों का अतिरिक्त प्रभार है। ऐसा मंत्रियों के निधन या किसी बीमारी की वजह से हुआ है।
या फिर एनडीए से अलग होने वाले दलों के द्वारा मंत्री पद छोड़ने के कारण उनके पद आज भी खाली हैं।
उसकी अतिरिक्त जिम्मेदारी कुछ वरिष्ठ मंत्रियों के कंधों पर है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के पास पर्यावरण के अलावा नवंबर 2019 से भारी उद्योगों का प्रभार भी है।
आपको बता दें कि इस पद की जिम्मेदारी पहले शिवसेना के अरविंद सावंत के पास थी।
महाराष्ट्र में बीजेपी से राह अलग होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।