गोरखपुर में मनीष गुप्ता का हुआ मामला तो हर किसी को मालूम ही होगा क्योंकि आज के समय में इलेक्ट्रिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी हर एक खबर घर बैठे ही लग जाती है तो आपको यह मालूम तो चल ही गया होगा कि मनीष गुप्ता के साथ क्या कुछ हुआ है! ऐसे में प्रदेश के अंदर भी हर एक जगह पर केवल इसी मामले की चर्चा और पुलिस के खिलाफ लोगों का गु स्सा देखने को मिल रहा है!
वहीं इस पूरे मामले के अंदर एक के बाद एक नई और खुलासे हो रहे हैं और इस पूरे मामले की सबसे मुख्य कलेक्टर आ रोपी इंस्पेक्टर जगनारायण सिंह यूं ही नहीं इन दिनों दूना रात चौगुनी तरक्की कर रहा था! उसके किसी और का नामी भी बड़े ही अजीब थे इस समय सोशल मीडिया पर इंस्पेक्टर के खिलाफ लोगों का गु स्सा भी देखा जा रहा है सोशल मीडिया की उपज कई ऐसे पोस्ट है जिसके अंदर स्पेक्टर सिंह का नाम नकद नारायण सिंह पड़ा था इसका जिक्र कई पोस्ट में देखने को मिल रहा है!
वही मनीष गुप्ता के कां ड में गोरखपुर के रामगढ़ ताल थाने के आ रोपी इंस्पेक्टर अपने कारनामों को लेकर काफी चर्चा में रहे हो की माने तो साल 2017 में गोरखपुर में पोस्ट रहे इंस्पेक्टर जगत नारायण गोरखपुर में नकद नारायण के नाम से भी काफी चर्चित है यहां तक उनके परिचितों के मोबाइल फोन में भी उनके नंबर नकद नारायण के नाम से ही सेव है!
*मनीष हत्याकांड…एनकाउंटर कर सिपाही से इंस्पेक्टर बने जेएन सिंह:* नगद नारायण के नाम से चर्चित जगत नारायण, गोरखपुर में फेमस है इनका ये डॉयलाग- ओ मिस्टर…आई एम इंस्पेक्टर…हू आर यू?
— Kapil (@Kapil24449847) September 30, 2021
सूत्र बताते हैं कि इंपेक्टर का पेट डायलॉग भी गोरखपुर जिले में काफी फेमस रहा है वह हर किसी को चुटकी बजाकर यह कहते हैं जरूर सुने आते हैं ओ मिस्टर, आई एम इंस्पेक्टर हु आर यू? उनके पेट डायलॉग में शुमार था!
गोरखपुर के आरोपी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह का इतिहास-
1- गोरखपुर के स्थानीय लोग इन्हें नगद नारायण सिंह के नाम से जानते हैं
2- अक्टूबर 2020- बांसगांव थाना क्षेत्र में हत्या की कोशिश के आरोप में पकड़े गए सोनू की गिरफ्तारी के बाद मौत होती है, आरोप जगत नारायण सिंह पर लगता
है pic.twitter.com/7ZtV4rseMb— अभिषेक त्रिपाठी (@abhitiwarineta) September 30, 2021
वह अक्सर ही खुश होकर अपने कारनामों की कहानियां भी बताया करते हैं कहते हैं कि मुझसे कोई सिफारिश ना करना मैं बिना वांछित के कोई काम नहीं करता हूं वांछित यानी कि रुपयों के! मैं जिले में सिर्फ दो लोगों के ही सुनता हूं बाकी किसी की नहीं बड़े-बड़े नेताओं पूजा कर गुब्बारा बना दिया ऐसे ही इस्पेक्टर नहीं बना हूं घाट घाट का पानी पीकर सिपाही से आउट ऑफ फ्रॉम प्रमोशन मिला है!