मोदी सरकार ने लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु जो कि पहले 18 साल हुआ करती थी उसे 21 साल कर दिया है और ऐसे में 21 साल किए जाने वाले प्रस्ताव को आज पारित कर दिया गया है वहीं साल 2020 में 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान इस बारे में संकेत भी दे दिए थे और अब सरकार ने इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए बाल विवाह निषेध कानून, स्पेशल मैरिज एक्ट और हिंदू मैरिज एक्ट में संशोधन का रास्ता साफ कर दिया है!
वहीं सरकार के द्वारा प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद तो लग रहा था कि शायद इस फैसले के अंतर्गत मुस्लिम पर्सनल लॉ ना आए और नया संशोधन इस लो पर प्रभावी ना हो लेकिन बताया तो यह जा रहा है कि हर पर्सनल लो पर यह संशोधन प्रभावी होगा और हरीश समुदाय की लड़कियों की शादी के लिए 21 साल की उम्र अनिवार्य होगी!
मालूम हो कि बाल विवाह निषेध विधेयक 2021, बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 में संशोधन का प्रस्ताव करता है ताकि पुरुष और महिला दोनों के लिए विवाह की आयु 21 साल के बराबर की जा सके जो कि वर्तमान में पुरुष के लिए 21 साल है और महिलाओं के लिए 18! वहीं विवाह की आयु से संबंधित यही बदलाव संबंधित कानूनों में भी होगा!
यह है वह कानून-
ये कानून ‘भारतीय ईसाई विवाह अधिनियम, 1872’ ; ‘पारसी विवाह और तलाक अधिनियम, 1936’ ; ‘मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) आवेदन अधिनियम, 1937’ ; ‘विशेष विवाह अधिनियम, 1954’ ; ‘हिंदू विवाह अधिनियम, 1955’; और ‘विदेशी विवाह अधिनियम, 1969’ हैं!
वही बता दे कि इसके अलावा हिंदू अप्राप्तवयता और संरक्षकता अधिनियम, 1956’; और ‘हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम, 1956’ भी इस संदर्भ में आते हैं!