उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से बड़ी खबर आ रही है जैसे सहारनपुर में देवबंद उलेमा ने नए साल के मौके पर मुस्लिमों से अपील की है कि वह 1 जनवरी को नया बिल्कुल ना बनाएं नहीं मिल रही जानकारी के अनुसार उनका तर्क यह है कि 1 जनवरी को ईसाई धर्म के नया साल मनाते हैं और इस्लामी नया साल तो मोहर्रम से शुरू होता है इसलिए वह लोग और लोगों की तरह इस त्यौहार को ना बनाएं और जो मुस्लिम इस 1 जनवरी को नया साल मनाते हैं वह गुनहगार होते हैं!
वह इस रिपोर्ट के अनुसार नए साल के जश्न में डूबे युवाओं से इस प्रकार की अपील इत्तेहाद उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुफ्ती अरशद कासमी ने की है उनका कहना है कि आमतौर पर जनवरी को ही नए साल के रूप में मनाया जाता है लेकिन इस्लामी नजरिए के एतबार से जनवरी इस्लामी साल की शुरुआत नहीं है इसलिए वह इस्लामी नजरिए से बताते हुए कहते हैं इस्लाम का नया साल मोहर्रम से शुरू होता है और इस्लाम के अंदर मोहर्रम को ही नया साल माना जाता है!
वही उनके अनुसार जनवरी से जो नया शुरू होता है उसको तो ईसाई धर्म मनाते हैं जिससे उनको कोई भी आपत्ति नहीं है लेकिन यदि मुस्लिमों से यह अपील करना चाहते हैं कि जनवरी में कोई भी मुस्लिम इस त्यौहार को ना बनाएं जो भी जनवरी की शुरुआत में नया साल मनाते हैं वह गुनहगार होते हैं