भारत सरकार के द्वारा तीनो कृषि कानूनों को वापस लेना का एलान किया और अब इन कानूनों पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा अंतिम मुहर भी लगा दी गई है वहीं इसी के साथ ही इन कानूनों को अब औपचारिक रूप से निरस्त हो ही गए हैं और ऐसे में अटकलें लगाई जा रही थी कि दिल्ली के सीमा पर बैठे किसानों की घर वापसी भी हो जाएगी! वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन कानूनों को वापसी की घोषणा करने के साथ-साथ किस अपने अपने घरों की लौट जाने की अपील की थी लेकिन भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि जब तक एमएसपी पर कानून लागू नहीं होता वह नहीं लौटेंगे!
दरअसल राकेश टिकैत से इसको लेकर जब एक इंटरव्यू के द्वारा सवाल पूछा गया था तो सवाल पूछा गया था कि एमएसपी की कमेटी पर बात हो गई है और अगर वह लागू भी हो जाती है तो क्या आपको लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी सबसे बड़े किसान नेता हो जाएंगे? अब कैसे संतुष्ट हो जाएंगे कि कानून वापसी के बाद भी आप नहीं मान रहे हैं! इसके जवाब में राकेश टिकैत का कहना था कि हम लोग तो चाहते हैं कि आप लोग एमएसपी गारंटी कानून लागू करवा दे लेकिन आप लोग ऐसा कुछ करवा नहीं रहे हैं!
वही किसान नेता से अगला सवाल पूछा गया था कि अब देश की जनता के बीच एक संदेश ऐसा भी जा रहा है कि राकेश टिकैत की हालत शादी में नाराज फूफा की तरह हो गई है मोदी जी ने कानूनों को वापस लेने के बाद बढ़त बना ली है! तो इस पर राकेश टिकैत ने जवाब दिया था कि हम फिर कह रहे हैं कि हमारा मुकाबला देश के प्रधानमंत्री से नहीं है क्योंकि राजा और प्रजा का कभी भी कोई मुकाबला नहीं होता है मोदी जी अभी इस देश के राजा हैं हम लोग किसी का अप मान नहीं करना चाहते किसान अपने धान की कीमत नहीं तय कर पा रहा है!