अक्सर यही सुना गया है कि राजा का बेटा ही राजा बनेगा और इसका उदाहरण एक दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक में देखने को मिल रहा है! भारत के कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस. आर. बोम्मई के बेटे बसवराज बोम्मई को कर्नाटक का नया मुख्यमंत्री बनाया गया है!
यहां से येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल ने उनको अपना नेता चुन लिया है बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद जिस तरीके से लिंगायत समुदाय ने लोगों का विरोध किया उससे यह साफ लग रहा था कि अगला मुख्यमंत्री भी किसी समुदाय से होने वाला है कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई इसी समुदाय से आते हैं और आज हम आपको इनके सियासी सफर के बारे में बताने जा रहे हैं!
बसवराज जनता दल के साथ अपने सियासी सफर शुरुआत की थी साल 2008 में बसवराज बीजेपी में शामिल हो गए थे! वहीं उन्होंने अभी तक राज्य के गृह मंत्री के साथ-साथ संसदीय कार्य मंत्री का पदभार संभाल रहे थे वैसे तो बसवराज बोम्मई पेशे से एक मैकेनिकल इंजीनियर है उन्होंने अपने करियर की शुरुआत रतन टाटा की कंपनी टाटा ग्रुप से की थी!
बोम्मई दो बार एमएलसी और तीन बार विधायक रह चुके हैं उन्होंने अपने बड़े नेताओं के साथ काम किया है उन्हें एच डी देवगौड़ा और रामकृष्ण हेगड़े जैसे नेताओं के साथ काम करने का काफी अनुभव है! बसवराज के पिता एसआर बोम्मई भी साल 1988 में ऐसी ही कुछ परिस्थितियों में मुख्यमंत्री बनाए गए थे उन्हें मुख्यमंत्री उत्सव मनाया गया था जब रामकिशन हेगड़े की सरकार जासूसी मामले में घिर गई थी और उन को इस्तीफा देना पड़ गया था!