देश में कोरोना के मामलों की संख्या में कमी होने के साथ ही बच्चों में इसके संक्रमण के फैलने की खबर चिंता बढ़ाने वाली है। विशेषज्ञ पहले ही इस बात को लेकर आशंका जता चुके हैं कि
कोविड-19 की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक साबित होगी, ऐसे में राजस्थान के बाद महाराष्ट्र के अहमदनगर से भी बड़ी तादाद में बच्चों को कोरोना होने की खबर सामने आई है।
पिछले कुछ दिनों में राजस्थान के डूंगरपुर में कोरोना वायरस से 325 बच्चों को पॉजिटिव पाया गया है। ऐसा ही हाल राज्य के दौसा जिले में देखने को मिला है।
जिन सभी बच्चों का कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया है, उनकी आयु 19 वर्ष से कम है। राजस्थान के दोनों जिलों से अब तक 600 से अधिक बच्चों ने COVID-19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है।
इसके साथ ही महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में पिछले 24 घंटे में 1,851 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। इनमें से करीब 540 मरीजों 18 साल से कम उम्र के हैं।
सात से 14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की संख्या महत्वपूर्ण है और स्वास्थ्य व्यवस्था सतर्क हो गई है। एक 1 साल का बच्चा भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। अधिकांश 7 से 14 वर्ष के आयु वर्ग के अधिकांश रोगियों में हल्के से गंभीर लक्षण हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि परिवार के सदस्यों या अन्य स्रोतों से बच्चों में संक्रमण फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
कलेक्टर डॉ. राजेंद्र भोसले ने बाल रोग विशेषज्ञों की टास्क फोर्स का गठन किया है। उनके माध्यम से आवश्यक सुविधाएं और प्रशिक्षण गतिविधियां शुरू की गई हैं।
देश के शीर्ष बाल अधिकार निकाय, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने कहा कि देश में तीसरी कोविड-19 लहर के साथ, केंद्र और राज्यों को बच्चों और नवजात शिशुओं की सुरक्षा के लिए अपनी तैयारी तेज करनी चाहिए।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण को लिखे पत्र में एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि कोविड-19 महामारी की चल रही दूसरी लहर युवा लोगों की संख्या को थोड़ा अधिक प्रभावित कर रही है और तीसरी लहर देश में आने का अनुमान है, बच्चों को भी प्रभावित करेगी।